हर्ष वर्धन के बाद कन्नौज के लिए संघर्ष
हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात उत्तर भारत में राजनीतिक विकेंद्रीकरण एवं विभाजन की शक्तियां एक बार पुनः सक्रिय हो गईं। एक ओर वर्तमान असम के कामरूप में “भास्करवर्मा” ने “कर्णसुवर्ण”…
संगम कालीन समाज
संगम साहित्य, हमें दक्षिण के राजनैतिक,आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का बोध कराता है। इस साहित्य ने भारतीय साहित्य की न केवल धरोहर में वृद्धि की है बल्कि तत्कालीन समाज का…
गुलाम वंश के संस्थापक एवं उत्तराधिकारी
गुलाम वंश की शुरुआत सन 1206 में ‘मोहम्मद गौरी’ की मृत्यु के बाद हुई। उस समय कुतुबुद्दीन ऐबक मोहम्मद गौरी के सबसे विश्वास पात्र गुलामों में से एक हुआ करते…
मध्यकालीन भारत की शुरुआत
भारत के मध्यकालीन इतिहास का दौर 8 वीं सदी से लेकर 12 वीं सदी तक माना जाता है। इस काल में हम पाल, प्रतिहार और राष्ट्रकूट से लेकर शक्तिशाली दिल्ली…
ब्रिटिश ताज द्वारा प्रशासनिक सुधार
सन् 1857 में सिपाही विद्रोह के बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया, क्योंकि तत्कालीन समय में कंपनी, भारतीय रियासत के समक्ष कमजोर पड़…
ईरान के संदर्भ में भारत पर पहला विदेशी आक्रमण
जिस समय मगध के नेतृत्व में पूर्वी भारत में एकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी,लगभग उसी समय पश्चिमोत्तर भारत में विकेंद्रीकरण और राजनीतिक अराजकता का बोल-बाला था।सम्पूर्ण पश्चिमोत्तर क्षेत्र अनेक…
गोरखपुर जिला
लखन पुत्र आनंद ने बसाया। गुरु गोरखनाथ से- है नाम जो पाया।। कबीरा और बुद्ध का रुप है तू। सूर्यवंश का स्वरूप है तू।। अमन चैन के आदि है हम।…
ताम्रपाषाणिक संस्कृतिया
नव पाषाण युग के अन्तिम चरण में पत्थरों के साथ धातु का प्रयोग प्रारम्भ हो चुका था। वस्तुतः धातु के रूप में सर्वप्रथम तांबे का प्रयोग किया गया। अनुमानित हैं…
मौर्यकालीन समाज
भारतीय इतिहास में मौर्य काल की जानकारी मुख्यतः दो श्रोतों के आधार पर प्राप्त होती हैं। जो क्रमशः साहित्यिक श्रोत और पुरातात्विक श्रोत के रूप में जाने जाते है। साहित्यिक…
अयोध्या धाम
हिन्दुओ की आन है,हिन्दुओ की शान है। सबसे बड़े हनुमंत आराध्य है।। कहे अयोध्या धाम,की रामही सबसे बड़ा है नाम, की रामही सबसे बड़ा है नाम…. आन,बान,शान सब तुझपे लुटाए…











